सरकारी संपत्ति की रक्षा व अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण में मिली सफलता

संगठित अपराध को कुचलने की उपलब्धि

योगी सरकार के 8 साल पूरे होने पर सेवा, सुरक्षा एवं सुशासन के रूप में इसकी उपलब्धियों को पेश किया जा रहा है। तो वही संगठित अपराध पर शिकंजा कसने, सरकारी संपत्ति की रक्षा व अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण में सफलता मिली है। इसके साथ ही शासन योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू कर गरीबों तक लाभ पहुँचाने में नंबर वन है।
योगी सरकार मंगलवार को अपने 8 साल पूरे भी करेगी। चुनौतियों, आकांक्षाओं, अपेक्षाओं के इस सफर में ब्रेकरहैं, माइलस्टोन भी। सरकार इसे ‘सेवा, सुरक्षा एवं सुशासन’ के रूप में पेश कर रही है। इसके पक्ष में उसके पास तथ्य, आंकड़े और उपलब्धियों की लंबी सूची है और इस पर सवाल उठाने की विपक्ष के पास अपनी वजहें हैं। हालांकि, परफॉर्मेंस और परसेप्शन में बदलाव को सबने महसूस किया है। यूपी में सीएम के रूप में सबसे लंबे कार्यकाल का रेकॉर्ड अपने नाम कर चुके योगी की दूसरी पारी के मंगलवार को तीन साल पूर होंगे।
2017 में जब योगी सीएम चुने गए थे तब पक्ष-विपक्ष दोनों ओर संशय और जिज्ञासा के सुर थे। लेकिन, आलोचना व सवालों के बीच योगी ने दृढ़ता से उस अजेंडे पर फोकस किया, जिसे भाजपा ने चुनाव में जनता के सामने पेश किया था। इसमें कानून-व्यवस्था को लेकर यूपी के परसेप्शन को बदलने की चुनौती भी थी।

जानकारों का मानना है कि पिछले 8 वर्ष में योगी सरकार के लिए सबसे बड़ा तमगा संगठित अपराध को कुचलने का रहा है। ‘माफिया को मिट्टी में मिला देंगे’, महज डायलॉग नहीं बल्कि सफलता की इबारत बना है। निर्णयों में दृढ़ता का यह स्वरूप बहुआयामी रहा। CAA-NRC विरोधी आंदोलन के दौर में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के चौराहों पर पोस्टर और वसूली के फैसले के अलावा अवैध धर्मांतरण, गोहत्या और नकल विरोधी कानून जैसे कई ऐसे कदम रहे जिनमें आलोचना की परवाह किए बिना समस्या की जड़ पर प्रहार पर फोकस रहा। इसने प्रदेश के परसेप्शन में बदलाव की कवायद को आगे बढ़ाया।
हाल में शासन के आला अफसरों के साथ बैठक में योगी ने साफ कहा, ‘योजनाओं को कोई अर्थ नहीं है अगर लाभार्थियों तक वह नहीं पहुंचती हैं।’ इसके लिए गरीब केंद्रित योजनाओं को लक्ष्य तक पहुंचाने की दिशा में कदम बढ़ाए गए हैं। जनकल्याण से जुड़ी दो दर्जन से अधिक केंद्रीय योजनाओं के अमल में यूपी नंबर वन है। दशकों से योजनाओं से वंचित वनटांगिया से लेकर समाज के हर वर्ग को इनसे जोड़ा गया।

बुनियादी सुविधाओं के साथ 40 लाख करोड़ रुपये से अधिक के वैश्विक निवेश तक की राह तय हुई, तो आस्था के अजेंडे को अर्थव्यवस्था के विकास से जोड़ा गया। प्रयागराज महाकुंभ में 45 दिनों में 66 करोड़ श्रद्धालुओं की डुबकी आस्था के वैश्विक विस्तार की कहानी कह रही है।
सरकार का लक्ष्य उत्तरप्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनाना है। यह तभी संभव है जब सभी सेक्टर पूरी क्षमता से काम करें, जवाबदेही तय हो। काम की छूट के बीच अब भी थानों, तहसील से लेकर शासन स्तर तक सुनवाई न होने की शिकायतें हैं। इससे निपटने के लिए सीनियर IAS से लेकर नीचे तक के अफसरों पर कार्रवाई हुई है, लेकिन इसे नजीर बनाना होगा। भर्तियों को और फूलप्रूफ बनाने के साथ महत्वाकांक्षी योजनाओं को टाइमलाइन में पूरा करने के लिए और सख्त कदम उठाने होंगे।

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