
नई दिल्ली। भारत में इमरजेंसी लगे हुए आज 50 साल पूरे हो गए हैं। इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे लोकतंत्र के इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक बताया। उन्होंने कहा, आज भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक आपातकाल लागू होने के 50 साल पूरे हो गए हैं। भारत के लोग इस दिन को संविधान हत्या दिवस के रूप में मानते हैं। उन्होंने कहा कि इस दिन भारतीय संविधान में निहित मूल्यों को दरकिनार किया गया। मौलिक अधिकारों को निलंबित कर दिया गया। प्रेस की स्वतंत्रता को खत्म कर दिया गया और कई राजनीतिक नेताओं सामाजिक कार्यकर्ताओं छात्रों और आम नागरिकों को जेल में भर दिया था। ऐसा लग रहा था, जैसे उसे समय सत्ता में बैठी कांग्रेस सरकार ने लोकतंत्र को बंधक बना लिया था।
इसके आगे प्रधानमंत्री ने कहा, जब आपातकाल लगाया गया था, तब मैं आरएसएस का एक युवा प्रचारक था। आपातकाल विरोधी आंदोलन मेरे लिए सीखने का एक अनुभव था। इसने हमारे लोकतांत्रिक ढांचे को बचाए रखने की अहमियत को फिर से प्रेरित किया। इसके अलावा उन्होंने कहा कि मुझे राजनीतिक स्पेक्ट्रम के सभी लोगों से बहुत कुछ सीखने को मिला। मुझे खुशी है की ब्लू क्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन ने उन अनुभवों से कुछ-कुछ को एक किताब के रूप में संकलित किया है।
इसकी प्रस्तावना एचडी देवगौड़ा ने लिखी है, जो खुद आपातकाल विरोधी आंदोलन के एक दिग्गज थे। देश में आपातकाल 25 जून 1975 को लगा था, जिसके 50 साल पूरे होने के मौके पर बुधवार को भाजपा देश भर में संविधान हत्या दिवस का आयोजन कर रही है। भाजपा विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन के जरिए लोगों को आपातकाल के काले दौर की याद दिलाएगा।
इनके अलावा गृहमंत्री अमित शाह ने आपातकाल को अन्य कल करार दिया। उन्होंने कहा कि 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का लाया आपातकाल असल में कांग्रेस का अन्याय काल था। आपातकाल स्थिति और मजबूर कि नहीं बल्कि तानाशाही मानसिकता और सट्टा की भूख की उपज होता है। 25 जून सभी को याद दिलाता है, कि कांग्रेस सत्ता के लिए किस हद तक जा सकती है।
इनके अलावा शिवसेना संजय राउत ने आपातकाल पर कहा, “इंदिरा गांधी अगर चाहतीं तो पैसों और हेराफेरी से चुनाव जीत सकती थीं। उन्होंने लोकतंत्र की रक्षा की।””आज हर दिन गरीबों पर जात और धर्म पूछकर बुलडोजर चलाया जा रहा है, यह जो 11 साल से चल रहा है, वो आपातकाल का बाप है। आज देश में पिछले 11 सालों से अघोषित आपातकाल जारी है। इंदिरा गांधी के समय में भ्रष्टाचारी और कालाबाजारी जेल में थे, लेकिन आज अगर हाजी मस्तान और करीम लाला जीवित होते तो बीजेपी के मंत्री होते।”