
वंदे भारत ट्रेन से रणनीतिक बढ़त
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर में विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे पुल चिनाब ब्रिज का दौरा किया और हाथ में तिरंगा लहराकर देश की ताकत का प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने वंदे भारत ट्रेन के जरिए इस रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र में रेल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता दोहराई. यह कदम न केवल भारत की बुनियादी ढांचा विकास की क्षमता को दर्शाता है बल्कि पड़ोसी देशों चीन और पाकिस्तान के लिए भी एक मजबूत संदेश है. चिनाब पुल और वंदे भारत ट्रेन का यह संयोजन भारत की सामरिक और तकनीकी प्रगति का प्रतीक बन गया है.
चिनाब पुल जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में 359 मीटर की ऊंचाई पर बना है जो स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से भी ऊंचा है. यह पुल उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक का हिस्सा है और कश्मीर घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगा. प्रधानमंत्री ने इस मौके पर कहा कि यह पुल भारत के इंजीनियरिंग कौशल और आत्मनिर्भरता का उदाहरण है. उन्होंने वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत को भी रेखांकित किया जो इस क्षेत्र में तेज और सुरक्षित रेल यात्रा को संभव बनाएगी. इस ट्रेन की विशेषता इसकी उच्च गति और आधुनिक सुविधाएं हैं जो यात्रियों को बेहतर अनुभव प्रदान करेंगी.
इस दौरे का सामरिक महत्व भी कम नहीं है. चिनाब पुल और वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत से भारत की सीमावर्ती क्षेत्रों में कनेक्टिविटी और विकास को बढ़ावा मिलेगा. यह कदम विशेष रूप से चीन और पाकिस्तान के लिए संदेश है जो इस क्षेत्र में भारत की गतिविधियों पर नजर रखते हैं. विश्लेषकों का मानना है कि यह परियोजना भारत की रणनीतिक स्थिति को और मजबूत करेगी. खासकर जम्मू-कश्मीर में बुनियादी ढांचे का विकास क्षेत्रीय स्थिरता और आर्थिक प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है.
प्रधानमंत्री के इस दौरे ने स्थानीय लोगों में भी उत्साह पैदा किया है. स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह पुल और ट्रेन न केवल यात्रा को आसान बनाएंगे बल्कि पर्यटन और व्यापार को भी बढ़ावा देंगे. इस परियोजना से रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और क्षेत्र का आर्थिक विकास होगा. मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए प्रतिबद्ध है और यह क्षेत्र भारत की प्रगति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. यह दौरा और वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत भारत की तकनीकी और सामरिक शक्ति का एक और प्रमाण है.