राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में एकीकरण की संभावना. शरद पवार और अजित पवार के बीच बढ़ रही नजदीकियां

पुणे में एनसीपी स्थापना दिवस. दोनों गुटों के शक्ति प्रदर्शन पर नजर

महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर पवार परिवार चर्चा में है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के दो गुटों, शरद पवार और अजित पवार के नेतृत्व वाले समूहों, के बीच एकीकरण की अटकलें तेज हो गई हैं. पुणे में एनसीपी के स्थापना दिवस के मौके पर दोनों गुट अलग-अलग आयोजन कर रहे हैं, लेकिन इन आयोजनों के बाद एकीकरण की संभावना पर चर्चा जोर पकड़ रही है. हाल के महीनों में शरद पवार और अजित पवार के एक मंच पर नजर आने से इन अटकलों को और बल मिला है. सूत्रों के अनुसार, दोनों गुटों के बीच एकीकरण की दिशा में बातचीत चल रही है, और इसका परिणाम जल्द सामने आ सकता है.

पुणे में 10 जून 2025 को होने वाला एनसीपी का स्थापना दिवस दोनों गुटों के लिए अपनी ताकत दिखाने का अवसर है. शरद पवार के नेतृत्व वाला गुट और अजित पवार का समूह अपने-अपने समर्थकों के साथ इस दिन बड़े आयोजन की तैयारी में है. शरद पवार ने हाल ही में एक साक्षात्कार में कहा था कि उनके कुछ नेता एकीकरण के पक्ष में हैं, जबकि कुछ इसके खिलाफ हैं. दूसरी ओर, अजित पवार ने भी एकीकरण की संभावना को पूरी तरह खारिज नहीं किया है, लेकिन उनके गुट के नेताओं ने शर्त रखी है कि शरद पवार गुट के उन नेताओं को माफी मांगनी होगी, जिन्होंने अजित पवार की आलोचना की थी.

हाल ही में मुंबई में एक कार्यक्रम में शरद पवार और अजित पवार एक साथ मंच पर नजर आए थे, जिसके बाद से एकीकरण की चर्चा और तेज हो गई. सूत्रों का कहना है कि अजित पवार के नेतृत्व वाला गुट एनडीए का हिस्सा है, और एकीकरण के बाद शरद पवार के कुछ सांसद भी एनडीए में शामिल हो सकते हैं. इस बीच, यह भी चर्चा है कि शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है. हालांकि, शरद पवार ने इन अटकलों पर स्पष्ट जवाब देने से बचते हुए केवल इतना कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है.

महाराष्ट्र की राजनीति में एनसीपी का एकीकरण एक बड़ा घटनाक्रम हो सकता है. अगर यह एकीकरण होता है, तो इससे एनडीए को और मजबूती मिल सकती है, क्योंकि दोनों गुटों का एकजुट होना गठबंधन की स्थिति को और सशक्त करेगा. बीते कुछ महीनों में दोनों गुटों के नेताओं के बीच कई बार मुलाकातें हुई हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि दोनों पक्ष इस दिशा में गंभीरता से विचार कर रहे हैं.

हालांकि, एकीकरण की राह आसान नहीं है. शरद पवार गुट के कुछ नेताओं का मानना है कि अजित पवार के साथ गठबंधन से उनकी पार्टी की विचारधारा पर असर पड़ सकता है. वहीं, अजित पवार के समर्थक चाहते हैं कि एकीकरण से पहले सभी विवादों को सुलझा लिया जाए. पुणे में स्थापना दिवस के बाद दोनों गुटों के बीच बातचीत और तेज होने की उम्मीद है. महाराष्ट्र की जनता और राजनीतिक विश्लेषक इस घटनाक्रम पर करीब से नजर रखे हुए हैं, क्योंकि इसका असर राज्य की राजनीति पर लंबे समय तक देखने को मिल सकता है.

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