
एक झटके में छीन गयी खुशियां
दिल्ली के आनंद विहार में सोमवार रात लगी आग में तीन मजदूरों की मौत हो गई और एक मजदूर बचने में कामयाब रहा। मृतकों में 20 अप्रैल को बेटी की शादी की तैयारी कर रहे कांता प्रसाद और उनके भाई श्याम सिंह शामिल थे। आग का कारण सिलेंडर ब्लास्ट बताया गया।
आनंद विहार में मंगलम रोड पर बनी झुग्गी में सोमवार रात अचानक आग लग गई। वहां सो रहे चार मजदूर आग में फंस गए। इनमें से नितिन सिंह (32) वहां से भागने में कामयाब हो गए, जबकि जग्गी (30), श्याम सिंह (40) और कांता (37) की वहीं फंसकर मौत हो गई। पुलिस ने तीनों के शव पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवा दिए हैं। उनके परिजनों के बयान दर्ज किए हैं।
औरैया यूपी के रहने वाले दो भाइयों 40 वर्षीय श्याम सिंह और 37 वर्षीय कांता प्रसाद की आनंद विहार स्थित अस्थाई तंबू में आग लगने से मौत हो गई। शव का पोस्टमॉर्टम कर परिजनों को सौंप दिया गया है। लेकिन दोनों बेटों की मौत के बाद पिता रामपाल(70) की आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। वह गहरे सदमे में हैं। श्याम सिंह और कांता प्रसाद के बहनोई राजेन्द्र ने बताया कि कांता प्रसाद की 19 वर्षीय बड़ी बेटी की शादी 20 अप्रैल को होने वाली थी। पूरा परिवार खुश था।
कांता प्रसाद और श्याम सिंह बेटी और भतीजी की शादी के तैयारी में जुटे हुए थे। वह अगले माह बेटी और भतीजी की शादी के गांव औरैया जाने वाले थे। लेकिन इस आग ने पूरे परिवार की खुशी छीन ली। श्याम सिंह और कांता प्रसाद करीब 20 साल से दिल्ली में रह रहे हैं और यहीं पर काम करते थे। जबकि दोनों का परिवार गांव में रहता है। श्याम सिंह की दो बेटियां और एक बेटा है। वह अपनी मां के साथ गांव में रहते हैं और पढ़ाई करते हैं। उनकी बड़ी बेटी 20 साल की है। वहीं, कांता प्रसाद की एक 19 साल की बेटी और एक छोटा बेटा है। उनकी बड़ी बेटी की ही शादी 20 अप्रैल को होने वाली थी।
श्याम सिंह और कांता प्रसाद के बहनोई ने बताया कि दोनों भाई दिन में काम करते थे। जबकि उनके पिता रामपाल रात में वायर डालने वाले मशीन को रात में चलाने और देखरेख का काम करते थे। वह भी करीब 9 साल पहले दिल्ली आ गए थे और दोनों बेटों के साथ दिल्ली में रहकर काम करते थे। सोमवार रात को भी रामपाल नाइट ड्यूटी पर थे। रात करीब 8 बजे दोनों भाई अपने पिता को खाने देकर वापस लौटे थे। रात में नाइट ड्यूटी पर होने के कारण रामपाल बच गए।
वहीं पिता को खाने पहुंचाने के बाद दोनों भाई भी खाना खाने के बाद बदायूं उत्तर प्रदेश निवासी 30 वर्षीय जग्गी और गाजियाबाद यूपी निवासी 32 वर्षीय नितिन के साथ सोने चले गए। वहीं, जग्गी के भतीजे ने बताया कि वह भी अपने चाचा जग्गी के साथ यहां पर काम करता है। पिछले चार साल से उनके चाचा जग्गी यहां पर काम कर रहे थे। हादसे के वक्त वह दूसरे जगह सो रहे थे। इसलिए उनकी जान बच गई। उन्होंने बताया कि देर रात अचानक शोर शराबा की आवाज सुनकर उनकी नींद खुली। जब वह वहां पर पहुंचे तो देखा कि आग लगी हुई है। तभी अचानक छोटा वाला सिलिंडर भी आग लगने के कारण बलास्ट हो गया और उनके चाचा और उनके दोनों साथी श्याम सिंह और कांता प्रसाद की मौत हो गई।
पुलिस के अनुसार, बीती रात 2:42 मिनट पर आनंद विहार पुलिस को पीसीआर कॉल मिली थी। कॉलर ने बताया, मंगलम रोड पर डीडीए प्लॉट पर रोटरी क्लब कार्यालय के बगल में बनी झुग्गी में आग लगी है। आईजीएल कंपनी के चार अस्थायी मजदूर वहां रहते हैं। चारों अंदर फंसे हैं। फौरन पुलिस व दमकल की टीम मौके पर पहुंची। इस बीच आग से वहां रखे एक सिलिंडर में भी ब्लास्ट हुआ। कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया, मगर तब तक काफी देर हो चुकी थी। पुलिस को अंदर तीनों मजदूरों की लाश मिली।